गहने बेचे, लोन लिया और फिर रच दिया इतिहास !

छत्तीसगढ़ की दीप्ति कोर्डे और महाराष्ट्र के मयूर हिवरकर, ये दो नाम आज भारतीय उद्यमिता के परिदृश्य में चमकते सितारे हैं। दोनों ने अपनी यात्रा बेहद साधारण परिस्थितियों से शुरू की, लेकिन असाधारण दृढ़ संकल्प, नवाचार और सही मार्गदर्शन के दम पर करोड़ों रुपये का साम्राज्य खड़ा कर दिया। दीप्ति ने अपने माता-पिता के संघर्ष से प्रेरणा ली और शादी के गहने बेचकर अपनी कंपनी ‘राजदेव एंड कंपनी’ की नींव रखी, जो आज प्रिसिजन कटिंग टूल्स के वितरण में अग्रणी है। वहीं, मयूर हिवरकर ने ग्रामीण अंधेरे को दूर करने का बीड़ा उठाया और ‘सनपावर’ जैसे किफायती सौर उत्पादों से शुरुआत कर ‘ऊर्जा सौर इलेक्ट्रॉनिक्स’ को एक एकड़ की विशालकाय फैसिलिटी में बदल दिया। इन दोनों की कहानियां सिर्फ व्यापारिक सफलता की नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी, नवाचार और मानवीय भावना की जीत की मिसाल हैं…. 15 सितंबर

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